कैप्टन सरकार का बड़ा ऐलान, पंजाब में निवेश बढ़ाने के लिए ऐसे मिलेगी पीपीसीबी की मंजूरी

चंडीगढ़

उद्योगों को अब बिना निरीक्षण मिलेगी पीपीसीबी की मंजूरी
प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए की रियायतों की घोषणा
बिना एनओसी चल रहे उद्योग 31 दिसंबर तक कर सकेंगे वीडीएस आवेदन

कोविड-19 महामारी के बीच राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा उद्योगों को कई तरह की छूट का ऐलान किया गया है। इनमें बिना निरीक्षण के कानूनी मंजूरियों की मियाद बढ़ाना भी शामिल है। मुख्यमंत्री के आदेश पर पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) द्वारा अपनी 184वीं बैठक में इस संबंध में विस्तृत हिदायतें जारी की गईं हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम मौजूदा हालात में कानूनी मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए उठाया गया है। इन रियायतों से निवेशकों को राज्य में निर्विघ्न निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। पीपीसीबी के चेयरमैन प्रो. एसएस मरवाहा ने कहा कि कोरोना संकट के मद्देनजर स्थापना/चलाने की सहमति की मियाद, अधिकार, रजिस्ट्रेशन और कोई अन्य ज़रूरी मंजूरियों का समय को बढ़ाते हुए 31 मार्च, 2021 तक कर दिया गया है।
पहले इसे 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया था। उन्होंने बताया कि केवल कुछ शर्तों सहित आवेदन देना होगा और बोर्ड की तरफ से कोई निरीक्षण नहीं किया जाएगा। प्रो. मरवाहा ने कहा कि पर्यावरण संबंधी नियमों की भागीदार रेगुलेटरी का पालन यकीनी बनाने के लिए बोर्ड की सहमति के बिना चल रहे उद्योगों को स्वैच्छिक घोषणा स्कीम (वीडीएस) के अधीन मंजूरी लेने के लिए आवेदन देने का समय 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है।
1 नवंबर 2018 से पहले सहमति फीस जमा करवाने और एकमुश्त अनुमानित फीस 5000 रुपये का भुगतान करने के लिए छूट के साथ ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा वाटर एक्ट, 1974 के अधीन सहमति प्राप्त करने के लिए ईंटों के भट्टों के मालिकों को 1 नवंबर 2018 से पहले वाली सहमति फीस जमा करवाने से छूट दे दी गई है।

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